सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ बाड़मेर में सफल भारत बंद
कोटे में कोटे के आदेश का विरोध

सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश, जिसमें कोटे में कोटे की व्यवस्था को समाप्त करने की बात कही गई थी, के खिलाफ बाड़मेर में एससी-एसटी वर्ग के लोगों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया। यह आदेश दलित और आदिवासी वर्ग के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय बना हुआ है। बाड़मेर में इस आदेश के विरोध में भारत बंद का आह्वान किया गया, जिसे व्यापक समर्थन मिला।
सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोग
बाड़मेर में भारत बंद के दौरान सैकड़ों की संख्या में एससी और एसटी वर्ग के लोग सड़कों पर उतरे। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत अंबेडकर सर्किल से हुई, जहां से रैली निकाली गई। रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर अपनी मांगों को बुलंद किया। रैली में हिस्सा लेने वाले लोग कोटे में कोटे की व्यवस्था के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।
अंबेडकर सर्किल से कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली
प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर सर्किल से लेकर जिला कलेक्ट्रेट तक एक लंबी रैली निकाली। यह रैली बाड़मेर की मुख्य सड़कों से होकर गुजरी, जिसमें हर उम्र के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। रैली के समापन पर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचने पर, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
व्यापारियों का स्वेच्छिक समर्थन
बाड़मेर में भारत बंद के दौरान व्यापारियों ने भी इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया। अधिकांश व्यापारियों ने अपनी दुकानों को स्वेच्छा से बंद रखा। बाजारों में सन्नाटा छाया रहा और व्यापारिक गतिविधियों पर असर पड़ा। व्यापारियों का यह कदम प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता के रूप में देखा गया।
स्कूल और कोचिंग संस्थानों में छुट्टी
भारत बंद के दौरान बाड़मेर के अधिकांश स्कूल और कोचिंग संस्थान भी बंद रहे। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूल और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया था। छात्र-छात्राओं को पहले से ही इसकी सूचना दे दी गई थी, जिससे कि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।