सीमावर्ती बाड़मेर में मसाज पार्लरों की आड़ में चल रही संदिग्ध गतिविधियां, राष्ट्रीय सुरक्षा को भारी खतरा
सेना की टुकड़ियों के जमावड़े वाले जिले में मसाज पार्लरों का नेटवर्क बना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती

सीमावर्ती बाड़मेर में मसाज पार्लरों की आड़ में चल रही संदिग्ध गतिविधियां, राष्ट्रीय सुरक्षा को भारी खतरा
सेना की टुकड़ियों के जमावड़े वाले जिले में मसाज पार्लरों का नेटवर्क बना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती
बाड़मेर। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमावर्ती बाड़मेर जिला एक बार फिर गंभीर सवालों के घेरे में है। देश की सीमाओं की रक्षा में जुटी भारतीय सेना, वायुसेना और बीएसएफ की मौजूदगी वाले इस जिले में हाल ही में मसाज पार्लरों की बेतहाशा बढ़ोतरी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। ये मसाज पार्लर महज एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं, बल्कि अवैध गतिविधियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों के ठिकाने बनने की संभावनाओं से भरे हैं।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पहले भी देश के विभिन्न हिस्सों में हनीट्रैप के जरिए भारतीय सैनिकों से जासूसी करवा चुकी है। ऐसे में बाड़मेर में मसाज पार्लरों की आड़ में चल रहे संदिग्ध कार्य, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गहरी चिंता का विषय बन गए हैं। एक ओर जहां सीमाओं पर दुश्मन को मात देने के लिए सेना पूरी तरह मुस्तैद है, वहीं जिले के भीतर अवैध गतिविधियां देश की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिशों को आसान बना सकती हैं।
स्पा की आड़ में चल रहे अवैध धंधे, हरकत में आना होगा प्रशासन
सूत्रों के अनुसार, बाड़मेर में खुले कई मसाज पार्लरों में अवैध वेश्यावृत्ति का खुला खेल चल रहा है। इन जगहों पर काम करने वाले कर्मचारियों का कोई पुलिस सत्यापन नहीं होता, और यही कारण है कि ये जगहें राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र बन सकती हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन मसाज पार्लरों में काम करने वाले कर्मचारियों या संचालकों की किसी दुश्मन एजेंसी से सांठगांठ हो जाती है, तो जिले में सैन्य गतिविधियों की खुफिया जानकारी दुश्मन तक पहुंचाई जा सकती है।
हर हफ्ते बदला जा रहा है स्टाफ, बड़ी साजिश का इशारा
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इन मसाज पार्लरों में काम करने वाला स्टाफ हर हफ्ते बदल दिया जाता है। यह बात अपने आप में कई सवाल खड़े करती है। स्टाफ का बार-बार बदलना और उनका सत्यापन न होना, संभावित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की ओर इशारा करता है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को बेहद सतर्क होकर काम करने की जरूरत है।
सख्त निगरानी और ठोस कदम उठाने की दरकार
- पुलिस सत्यापन अनिवार्य: मसाज पार्लरों में काम करने वाले प्रत्येक कर्मचारी का पुलिस सत्यापन तुरंत करवाया जाए।
- ग्राहकों का रिकॉर्ड: सभी मसाज पार्लरों को ग्राहकों का रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया जाए, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जांच की जा सके।
- अचानक निरीक्षण: पुलिस और खुफिया एजेंसियां नियमित रूप से इन मसाज पार्लरों पर छापेमारी करें।
- लाइसेंस रद्द: जो मसाज पार्लर कानून का पालन न करें, उनके लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं।
प्रशासन की नींद कब टूटेगी?
बाड़मेर जैसे सामरिक दृष्टि से संवेदनशील जिले में मसाज पार्लरों का यह जाल प्रशासन की सुस्ती का नतीजा है। सेना और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह बड़ा खतरा बन सकता है। अब वक्त आ गया है कि प्रशासन इस मसले को हल्के में लेने के बजाय इसे प्राथमिकता पर ले और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए।
अगर समय रहते इन मसाज पार्लरों की गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो बाड़मेर में छुपा यह खतरा पूरे देश के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।