चुनाव में हार के बाद भी सेवा का जज्बा कायम, भाजपा प्रत्याशी बने जनता की आवाज
स्वरुपसिंह खारा बने सत्ता के पावर सेंटर

चुनाव में हार के बाद भी सेवा का जज्बा कायम, भाजपा प्रत्याशी बने जनता की आवाज
बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति केवल चुनाव जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि जनता की सेवा का रास्ता है। चुनाव में हार के बावजूद उनकी सेवा भावना और जनता के लिए समर्पण आज भी कायम है।
भाजपा प्रत्याशी ने अपने कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन किया, जहां दूर-दराज के गांवों से बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। पानी की किल्लत, खराब सड़कें, बिजली कटौती और युवाओं के लिए रोजगार जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए गए। प्रत्याशी ने हर समस्या को गंभीरता से सुना और समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों से तुरंत संपर्क करने का भरोसा दिया।
जनता के बीच बात करते हुए उन्होंने कहा, “चुनाव में हारना या जीतना मेरे लिए मायने नहीं रखता। मैं यहां राजनीति करने नहीं, बल्कि आप सबकी सेवा करने आया हूं। आपकी उम्मीदें मेरी जिम्मेदारी हैं और आपके हर दुख को दूर करना मेरा कर्तव्य।”
इस दौरान उन्होंने क्षेत्र के विकास को लेकर अपनी योजनाएं भी साझा कीं। उन्होंने कहा कि वे हर उस समस्या के लिए संघर्ष करेंगे, जो क्षेत्र के विकास में बाधा बन रही है।
जनता का भी प्रत्याशी के प्रति अटूट विश्वास और स्नेह देखने को मिला। एक बुजुर्ग ने कहा, “ऐसे नेता कम ही मिलते हैं, जो हार के बाद भी जनता के बीच में बने रहें। यह हमारी समस्याओं को अपना समझते हैं।”
युवाओं ने भी उनकी ईमानदारी की तारीफ की। एक युवा ने कहा, “चुनाव में हारने के बावजूद वे जिस तरह से हमारे लिए काम कर रहे हैं, वह प्रेरणादायक है। हमें गर्व है कि हमारे क्षेत्र में ऐसा नेता है।”
यह जनसुनवाई सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता और नेता के बीच भावनात्मक जुड़ाव का प्रमाण बनी। उनकी सेवा भावना ने लोगों के दिलों में जगह बना ली है। आज वह सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि जनता के सच्चे साथी के रूप में उभर रहे हैं।